ईशà¥à¤µà¤° का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व उपासना करने से ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ करके हमें आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं
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Manmohan Kumar AryaDate
12-May-2016Category
विविधLanguage
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UmeshUpload Date
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वैदिक साधान आशà¥à¤°à¤® तपोवन के पà¥à¤°à¤¥à¤® दिवस के पà¥à¤°à¤¥à¤® दिन अपरानà¥à¤¹ 3.30 बजे से अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ आंशिक पारायण यजà¥à¤ž हà¥à¤† जिसमें हमें à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होकर कà¥à¤› आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने का अवसर मिला। यजà¥à¤ž के समापन पर यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने सà¤à¥€ यजमानों को वैदिक विधि से आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया। इस अवसर बोले कà¥à¤› वाकà¥à¤¯ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° थे ‘ओ३मॠसतà¥à¤¯à¤¾ सनà¥à¤¤à¥ यजमानसà¥à¤¯ कामाः, ओ३मॠसफलता सनà¥à¤¤à¥ यजमानà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¯ कामाः, ओ३मॠसौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤®à¤¸à¥à¤¤à¥, ओ३मॠशà¥à¤à¤®à¥ à¤à¤µà¤¤à¥, ओ३मॠसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤¿ न ऽइनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹ वृदà¥à¤§à¤¶à¥à¤°à¤µà¤¾à¤ƒ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤¿ नः पूषा विशà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤ƒà¥¤ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤¿ नसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¥à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤½à¤…रिषà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡à¤®à¤¿à¤ƒ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤¿ नो बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤°à¥à¤¦à¤§à¤¾à¤¤à¥à¥¤à¥¤ आदि। आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ के अननà¥à¤¤à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने उपदेश के रूप में अपने उपदेश में कहा कि आज यजà¥à¤ž में बोले गये मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में मनà¥à¤·à¥à¤¯ के निषà¥à¤ªà¤¾à¤ª होने की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ à¤à¥€ की गई है। जिन कामों को हम छिपाते हैं, जिसकी समाज में पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा नहीं होती उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने पाप करà¥à¤® बताया। जिन करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करने से हमें अपने बड़ों का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ मिले तथा जो जीवन को उतà¥à¤•à¤°à¥à¤· की ओर ले जाते हैं वह पाप करà¥à¤® न होकर पà¥à¤£à¥à¤¯ करà¥à¤® होते हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को वही काम करने चाहियें जिसे दूसरों से छिपाना न पड़े। वह काम करने चाहियें जिससे मनà¥à¤·à¥à¤¯ का उतà¥à¤•à¤°à¥à¤· हो। यह उतà¥à¤•à¤°à¥à¤· देने वाले करà¥à¤® ही शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ करà¥à¤® होते हैं।
यजà¥à¤ž में हम अपनी आहà¥à¤¤à¤¿ को परमातà¥à¤®à¤¾ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हैं। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कारà¥à¤¯ हम सबकों करने चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि यजà¥à¤ž के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हम पà¥à¤°à¤¾à¤£ वायॠको शà¥à¤¦à¥à¤§ कर रहे हैं। हमारा यह यजà¥à¤ž à¤à¥€ परमातà¥à¤®à¤¾ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ का ही परिणाम है। इससे हमारा जीवन उनà¥à¤¨à¤¤ होता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने यजà¥à¤ž में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ यजà¥à¤ž पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को कहा कि आप लोग इसलिठà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ हैं कि आपने यह शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ तम करà¥à¤® यजà¥à¤ž को किया है। हम जब जब à¤à¥€ योग करें तब तब परमातà¥à¤®à¤¾ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करें। वह परमातà¥à¤®à¤¾ हम मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सब पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ करने के योगà¥à¤¯ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि शà¥à¤°à¥€ राम, शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ व शà¥à¤°à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी परमातà¥à¤®à¤¾ के à¤à¤•à¥à¤¤ थे। योगदरà¥à¤¶à¤¨ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने से ईशà¥à¤µà¤° का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व उपासना करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ मिलती है। ईशà¥à¤µà¤° का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व उपासना करने से ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ करके हमें आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं। हमें ईशà¥à¤µà¤° की विशेष रूप से उपासना करनी चाहिये। तपोवन में आये हà¥à¤ साधको को अपना अधिक से अधिक समय साधना व ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करना चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने वानपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥ आशà¥à¤°à¤® के सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सोमà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी की चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ बताया कि वह पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ आठ-आठव दस-दस घणà¥à¤Ÿà¥‡ ईशà¥à¤µà¤° की साधना व उपासना में वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करते हैं। सबको अपनी सामरà¥à¤¥à¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उपासना अवशà¥à¤¯ करनी चाहिये। परमातà¥à¤®à¤¾ को याद किठबिना हमारा कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ नहीं है। जीवन में यदि कà¤à¥€ किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का कोई à¤à¥€ संकट हो तो परमातà¥à¤®à¤¾ को याद करना चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी योगी थे। वह संकट मोचक नहीं थे। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ थीं। परमातà¥à¤®à¤¾ की उपासना करने से गृहसà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सकती हैं। गृहसà¥à¤¥ जीवन में संयमी होकर सावधानी रखनी चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ केवलाननà¥à¤¦ जी का उदाहरण देकर कहा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• से दो वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक की लमà¥à¤¬à¥€ साधनायें की हैं। उनसे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर आप सबको à¤à¥€ अधिक साधना करनी चाहिये। यहां हम (इन पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लेखक) यह à¤à¥€ बता दें कि वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ पूरà¥à¤µ हम à¤à¤• बार अपने मितà¥à¤° शà¥à¤°à¥€ ललित मोहन पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ जी के साथ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ केवलाननà¥à¤¦ जी से उनके देहरादून सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मिले थे। तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया था कि सोने के समय के अतिरिकà¥à¤¤ उनका पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ हर कà¥à¤·à¤£ ईशà¥à¤µà¤° की उपासना, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ आदि में ही वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ होता है। जिस दिन हम उनसे मिले थे उस दिन व उन दिनों वह मौन वà¥à¤°à¤¤ पर थे। किसी से à¤à¥€ मिलते नहीं थे। हमने उनके पà¥à¤¤à¥à¤° से आगà¥à¤°à¤¹ किया था कि हमें केवल उनके दूर से दरà¥à¤¶à¤¨ करा दें। हमारी इस पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर वह हमसे मिलने के लिठसहमत हà¥à¤ थे। जब वह कमरे में आये तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वहां बैठकर सबसे पूरà¥à¤µ ईशà¥à¤µà¤° से मौनवà¥à¤°à¤¤ को कà¥à¤› समय के लिठतोड़ने के लिठअनà¥à¤®à¤¤à¤¿ मांगी व उससे कà¥à¤·à¤®à¤¾ याचना की थी। फिर हमसे विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से बातें की थीं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ईशà¥à¤µà¤° से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कैसे की जाती है उसे धारा पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ बोलकर हमं बताया था। हमें उस दिन अनà¥à¤à¤µ हà¥à¤† कि हम किसी ऋषि व ऋषि समान शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ तम मनà¥à¤·à¥à¤¯ के सामने बैठे हà¥à¤ हैं। उस दिन हमें जो आननà¥à¤¦ की अनà¥à¤à¥‚ति हà¥à¤ˆ थी वह à¤à¥€ हमारी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¤• पूंजी है। हमने अनेक बार आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के कई विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ व संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जà¥à¤²à¤µà¤¾à¤ªà¥à¤° जाकर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ केवलाननà¥à¤¦ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करने का परामरà¥à¤¶ दिया। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखकर व वारà¥à¤¤à¤¾à¤•à¤° पता लगता है कि उपासना कà¥à¤¯à¤¾ होती है? सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ केवलाननà¥à¤¦ जी वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ à¤à¤• दिवà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯ है। संसार में उन जैसे मनà¥à¤·à¥à¤¯ न के बराबर ही हैं या उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपवाद कह सकते हैं।
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी ने अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ में कहा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को परमातà¥à¤®à¤¾ को अपना सचà¥à¤šà¤¾ सखा वा मितà¥à¤° मानना चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने पंचतंतà¥à¤° गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर कहा कि समान उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯, विदà¥à¤¯à¤¾, बल आदि वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में ही मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ होती है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि यदि आप चाहते हैं कि आपका जीवन सà¥à¤–ी व समृदà¥à¤§ हो व परजनà¥à¤® में उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ à¤à¥€ हो तो यह ईशà¥à¤µà¤° की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से ही समà¥à¤à¤µ है। जब परमातà¥à¤®à¤¾ के लिठसब मिलकर साधना करेंगे तो कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ होगा। जीवन को पवितà¥à¤° बनाकर परमातà¥à¤®à¤¾ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में लगाने से मनà¥à¤·à¥à¤¯ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ होता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ को विराम देते हà¥à¤ सबके उतà¥à¤•à¤°à¥à¤· की कामना की। इस पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ की समापà¥à¤¤à¤¿ पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने सबको सामूहिक सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ ईशà¥à¤µà¤° का à¤à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ कराया। इस सतà¥à¤° के समापन पर सामूहिक शानà¥à¤¤à¤¿ पाठà¤à¥€ हà¥à¤†à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन शà¥à¤°à¥€ शैलेशमà¥à¤¨à¤¿ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जी ने योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• किया। दानी महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के नामों की घोषणा à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने की। रातà¥à¤°à¤¿ का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® 7.30 बजे से 9.30 बजे तक हà¥à¤† जिसमें आशà¥à¤°à¤® में पधारे हà¥à¤ à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ पंडित सतà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤² पथिक व डा. कैलाश करà¥à¤®à¤ आदि ने à¤à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये। सायं 7.00 बजे सà¤à¥€ आशà¥à¤°à¤® में पधारे बनà¥à¤§à¥à¤“ं ने परसà¥à¤ªà¤° मिलकर ऋषि लंगर का आननà¥à¤¦ लिया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में बिहार के जमà¥à¤ˆ जिले के गà¥à¤°à¤¾à¤® खैरमा आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के 33 सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥à¤·, 20 सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व 13 पà¥à¤°à¥à¤·, पधारे हà¥à¤ हैं। इनसे मिलकर सà¥à¤µà¤œà¤¨ बनà¥à¤§à¥à¤“ं की à¤à¤¾à¤‚ति पà¥à¤°à¥‡à¤® के वातवारण में बातचीत हà¥à¤ˆà¤‚। सà¤à¥€ अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤µà¤‚ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हà¥à¤à¥¤ इन बनà¥à¤§à¥à¤“ं का खैरमा गà¥à¤°à¤¾à¤® पटना से 150 किमी. आगे है। इतना कषà¥à¤Ÿ सहन कर अपने इषà¥à¤Ÿ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर इतनी दूर आना, पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯à¤• à¤à¤µà¤‚ सराहनीय है। इन बनà¥à¤§à¥à¤“ं की ऋषि व आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ को हम पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करते हैं और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को इससे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने का अनà¥à¤°à¥‹à¤§ करते है। ‘
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